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स्मार्ट स्कूल, योगी सरकार की नई पहल से अब सरकारी स्कूल देंगे निजी स्कूलों को टक्कर

****** ग्रेटर नोएडा में 1.30 करोड़ की लागत से बना स्मार्ट स्कूल बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह 19 मार्च को करेंगे उद्घाटन आधुनिक सुविधाओं से लैस इस विद्यालय में होगी स्मार्ट क्लासरूमडिजिटल बोर्ड जैसी सुविधाएंपरिषदीय विद्यालयों में नई सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं: संदीप सिंह *****

ग्रेटर नोएडा, 17 मार्च। योगी सरकार परिषदीय विद्यालयों को आधुनिक शिक्षा केंद्रों में बदलने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। ऑपरेशन कायाकल्प योजना के तहत अब परिषदीय विद्यालय सिर्फ स्कूल नहींबल्कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त समावेशी शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं। इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा के मथुरापुर में 1.30 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हाईटेक विद्यालय का उद्घाटन 19 मार्च को किया जाएगा। इस ऐतिहासिक पहल का शुभारंभ प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह करेंगे।

बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रही योगी सरकार
योगी सरकार की प्राथमिकता केवल अधिक विद्यालय खोलना नहींबल्कि उनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने और बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने के उद्देश्य से स्मार्ट क्लासरूमडिजिटल बोर्ड, प्रयोगशालाएंसमावेशी शिक्षा सुविधाएं और स्वच्छता व स्वास्थ्य प्रबंधन को विशेष रूप से शामिल किया गया है। वर्तमान में इस विद्यालय में 90 छात्र अध्ययनरत हैंलेकिन सरकार का लक्ष्य आगामी सत्र में 150 से अधिक बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। योगी सरकार की इस पहल से अब सरकारी विद्यालय भी निजी स्कूलों की तरह उच्चस्तरीय सुविधाओं से लैस हो रहे हैं, जिससे छात्रों को समान अवसर मिल सकें।

छात्रों के लिए उपलब्ध होंगी आधुनिक सुविधाएं
इस नवनिर्मित विद्यालय में छात्रों की शिक्षा को आधुनिक और प्रभावी बनाने के लिए स्मार्ट क्लासरूम की सुविधा दी गई हैजहां प्रत्येक कक्षा में डिजिटल बोर्ड और स्मार्ट लर्निंग टूल्स लगाए गए हैं। शिक्षा के साथ-साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा गया है। छात्रों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था आरओ और वाटर फिल्टर के माध्यम से की गई हैवहीं छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैंजिससे स्वच्छता और सुविधा दोनों सुनिश्चित हो सकें। विद्यालय में सुरक्षा के भी विशेष प्रबंध किए गए हैं। आकस्मिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हर कक्षा में दो दरवाजे बनाए गए हैंताकि किसी भी आपात स्थिति में छात्रों को आसानी से निकाला जा सके। मिड-डे मील के लिए भी अलग से एक भवन तैयार किया गया हैजहां छात्र आराम से बैठकर भोजन कर सकेंगे। इसके अलावाबच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में खेलकूद और प्रयोगशाला की भी विशेष व्यवस्था की गई हैजिससे वे न सिर्फ शारीरिक रूप से सक्रिय रह सकेंबल्कि वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से व्यावहारिक शिक्षा भी प्राप्त कर सकें।

दिव्यांग छात्रों के लिए विकसित की जा रही विशेष सुविधाएं
योगी सरकार समावेशी शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं विकसित कर रही है। इस विद्यालय को 'दिव्यांग अनुकूल विद्यालयके रूप में विकसित किया गया हैजिससे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को बिना किसी बाधा के शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सके। विद्यालय परिसर में दिव्यांग छात्रों की सुगमता को सुनिश्चित करने के लिए रैंप और रेलिंग सहित विशेष सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। विद्यालय में विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही हैजो दिव्यांग छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शिक्षण प्रदान करेंगे। समावेशी शिक्षा की इस पहल से दिव्यांग छात्र बिना किसी भेदभाव के मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल हो सकेंगे और उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।

विद्यालय निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का रखा गया विशेष ध्यान
योगी सरकार शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दे रही है। इस विद्यालय का निर्माण ग्रीन स्कूल’ मॉडल के अनुरूप किया गया हैजिसमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सतत विकास के सिद्धांतों को अपनाया गया है। विद्यालय निर्माण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी पेड़ को न काटा जाएबल्कि इसके स्थान पर अधिक से अधिक पौधारोपण किया जाए। इससे विद्यालय परिसर हरा-भरा बना रहेगा और बच्चों को स्वच्छ व शुद्ध वातावरण में अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।

कहते हैं बेसिक शिक्षा मंत्री
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबका साथसबका विकास नीति के तहत शिक्षा को हर बच्चे तक समान रूप से पहुंचाने की योजना बनाई गई है। दिव्यांग छात्रों को भी मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए परिषदीय विद्यालयों में नई सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। मथुरापुर का यह विद्यालय इसी नीति का एक उदाहरण है। यहां दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष रैंपसमावेशी कक्षाएं और अन्य आवश्यक सुविधाएं विकसित की गई हैंताकि वे बिना किसी बाधा के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।